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शहर के दुकाँदारो , कारोबार-ए-उलफ़त मेंसूद क्या ज़ियाँज़ियां<ref>नुकसान</ref> क्या है, तुम न जान पाओगेदिल के दाम कितने हैं , ख़्वाब कितने मँहगे हैंऔर नकद-ए-जाँ जां क्या है , तुम न जान पाओगे
कोई कैसे मिलता है, फूल कैसे खिलता है
शौक़ की ज़बाँ क्या है तुम न जान पाओगे
वस्ल का सुकूँ सुकूं क्या हैं, हिज्र का जुनूँ जुनूं क्या हैहुस्न का फ़ुसूँ<ref>जादू</ref> क्या है, इश्क़ के दुरूँदुरूं<ref>अंदर</ref> क्या है
तुम मरीज़-ए-दानाई<ref>जिसे सोचने समझने का रोग हो</ref>, मस्लहत के शैदाई<ref>कूटनीति पसंद करने वाला</ref>
राह ए गुमरहाँ गुमरहां क्या है , तुम न जान पाओगे
ज़ख़्म कैसे फलते हैं, दाग कैसे जलते हैं
दर्द कैसे होता है, कोई कैसे रोता है
अश्क़ क्या है नाले<ref>दर्दभरी आवाज़रुदन</ref> क्या, दश्त क्या है छाले क्याआह क्या, फ़ुग़ाँफ़ुग़ां<ref>फ़रियाद</ref> क्या है, तुम न जान पाओगे
नामुराद दिल कैसे , सुबह-ओ-शाम करते हैंकैसे जिंदा रहते हैं , और कैसे मरते हैंतुमको कब नज़र आई , ग़मज़दों<ref>दुखियारों</ref> की तनहाईज़ीस्त बे-अमाँअमां<ref>असुरक्षित जीवन</ref> क्या है , तुम न जान पाओगे
जानता हूँ कि तुम को , ज़ौक़े-शायरी<ref>शायरी का शौक</ref> भी हैशख़्सियत सजाने में , इक ये माहिरी भी है
फिर भी हर्फ़ चुनते हो, सिर्फ लफ़्ज़ सुनते हो
इनके दरमियाँ दरमियां क्या हैं, तुम न जान पाओगे
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