भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=ग़ालिब
|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>फिर मुझे दीदा-ए-तर<ref>भीगी हुई आँख</ref> याद आया दिल जिगर तश्नातिश्ना-ए-फ़रियाद<ref>सोग का प्यासा</ref> आया
दम लिया था न क़यामत ने हनोज़हनूज़<ref>अभी</ref>
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
सादगी - हाए - तमन्ना, यानी
फिर वो नैरंगे-नज़र<ref>दृष्टि का सौन्दर्य</ref> याद आया
उज़्रे-वामान्दगीवा-मांदगी<ref>थकन का बहाना</ref> ऐ हसरते-दिल नाला <ref>रुदन</ref> करता था जिगर याद आया
ज़िन्दगी यों भी गुज़र ही जाती
मैंने मजनूं पे लड़कपन में 'असद'
संग<ref>पत्थर</ref> उठाया था कि सर याद आया </poem>
{{KKMeaning}}