भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=जगदीश व्योम
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>
आहत युगबोध के जीवंत ये नियम
यूं ही बदनाम हुए हम !!
</poem>