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फूल, ख़ुशबू, चाँद, जुगनू और सितारे आ गए / श्रद्धा जैन
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05:12, 24 अप्रैल 2010
पर उसे तो ज़िस्म वाले सब इशारे आ गए
आंसुओं
आँसुओं
से सींची है, शायद ज़मीं ने फ़स्ल येक्या
ताज्जुब
तअज्जुब
पेड़ पर ये फल जो खारे आ गए
हमको भी अपनी मुहब्बत पर हुआ तब ही यकीं
Shrddha
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