भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatKavita}}
<Poem>
किस ऋतु का फूल सूंघूंसूँघूँकिस हवा में सांस लूंसाँस लूँकिस डाली का सेब खाऊंखाऊँकिस सोते का जल पियूंपियूँपर्यावरण वैज्ञानिकों! कि बच जाऊंजाऊँ
किस नगर में रहने जाऊंजाऊँकि अकाल न मारा जाऊंजाऊँकिस कोख से जनम लूंलूँकि हिन्‍दू न मुस्लिम कहलाऊंकहलाऊँसमाज शास्ञियों! कि बच जाऊंजाऊँ
किस बात पर हंसूंहँसूँकिस बात पर रोऊंरोऊँ
किस बात पर समर्थन
किस पर विरोध जताऊंजताऊँहे राजन! कि बच जाऊंजाऊँ
गेंदे के नाजुक पौधे-सा
कब तक प्राण बचाऊंबचाऊँकिस मिट्टी में उगूंउगूँकि नागफनी बन जाऊंजाऊँप्‍यारे दोस्‍तों! कि बच जाऊं.जाऊँ</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits