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पतझड़ में
किस चीज चीज़ के बारे में सोचते हैं आपसबसे ज्‍यादाज़्यादा
क्‍या आप साइकिल के
अगले टायर को लेकर परेशान हैं
जिसका बदलना
अब नितान्‍त जरूरी ज़रूरी हो गया है?
या परेशान हैं घुटनों के दर्द से
जो प्रायः इसी मौसम में
जकड़ लेता है आपको?
मैं चाहता हूं हूँ कि आप अपनी व्‍यस्‍तता सेबस थोड़ा-सा समय निकालियेनिकालिएऔर सोचिये सोचिए नहीं सिर्फ देखियेसिर्फ़ देखिए
टूटना पतझड़ में पीले पत्‍तों का
कि उनमें कॉंप रहा है क्‍या कुछ?
जीवन? स्‍मृति? मृत्‍यु?
या सिर्फ सिर्फ़ उन्‍हीं की अंतिम सांसेंसाँसें?
पत्‍तों में कांपता काँपता है पृथ्‍वी का मन
प्‍यार, स्‍वप्‍न और
अदम्‍य आकांक्षाओं आकाँक्षाओं से भरा मन
क्‍या आप सिर्फ सिर्फ़ एक बार
पूरे साहस के साथ
देख सकते हैं
एक प्‍यार से भरे मन का टूटना?
</poem>
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