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घेरा / नवीन सागर

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<Poem>
पहली वारदारवारदातहजारों हज़ारों मील दूर कहीं होती है
और दूसरी पड़ोसी राज्‍य में
इसके बाद
पास के शहरों से खबरें ख़बरें आती हैं
एक दिन शहर में
फैलती है सनसनी
और तनाव के बाद हॅंसी हँसी डरी हुईदिखती है अपनी खिड़की के पास.पास।
फिर एक वारदात से
घण्‍टा भर पहले वहॉं वहाँ थे हम
यह सुनाते हुए रोमांच होता है
फटा-फूटा हुआ.
कहीं से वारदात के बाद
गुजरते गुज़रते हुएखिड़कियों से झॉंकते मुंह झाँकते मुँह बाए
देखते हैं जगह
और लोगों की उदासी.उदासी।
फिर एक दिन बहुत पास
हड़बड़ी में भागते हुए दिखते हैं
झपटती मृत्‍यु से
बहुत कम फासले पर.पर।
हम सुनाते हैं हॉंफते हाँफते हुएदरवाजे दरवाज़े बंद करतेबच्‍चे दीवारों में जोरज़ोर-जोर ज़ोर से
रोते हैं अकस्‍मात्!
</poem>
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