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सदस्य:घनश्याम चन्द्र गुप्त

13 bytes added, 20:11, 26 फ़रवरी 2007
<br>बात आई थी लबों तक सो दबा ली मैंने<br>अधपकी एक निंबोली सी चबा ली मैंने<br>
[[चित्र:Up02.JPG|left|thumb|122px|२००४ में]]