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09:50, 28 मई 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=रात-बिरात / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
(तामिया - छिंदवाड़ा जिले का सुंदर पर्यटन स्थल)
पहुँचिये आप कभी भी
रात के बारह
या अलस्सुबह जब मन हो
बरहमेस मिलेगा स्वागत में राह तकता
मालूम है उसे
कभी भी पहुँच सकता है कोई
दुखों से भागकर
हो सकता है तामिया भी
होता हो कभी दुखी
और भागना चाहता हो अपने से बाहर
मैंने कभी नहीं पढ़ा
और न सुना आदिवासी कथाओं में
कोई बताएगा कि मैं जानना चाहता हूँ
तामिया के बारे में
मुझे क्यों आ रहे हैं कई दिनों से सपने बुरे