|संग्रह= कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास
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1.
बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन
बहुत टूटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पायामन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तन चंदन
हवाऒं के इशारों पर मगर मै बह नही पायाइस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है
रहा एक तो तेरा भोलापन है अनसुना और अनकहा ही प्यार का किस्सा कभी तुम सुन नही पायी कभी मै कह नही पायाएक मेरा दीवानापन
2.
बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपनबहुत टूटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पाया
मन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तन चंदनहवाऒं के इशारों पर मगर मै बह नही पाया
इस धरती से उस अम्बर तक दो रहा है अनसुना और अनकहा ही चीज़ गज़ब की है एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापनप्यार का किस्सा
कभी तुम सुन नही पायी कभी मै कह नही पाया
3.