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हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है / ग़ालिब
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02:30, 5 जून 2010
हुआ है शह का मुसाहिब<ref>ऱाजा का दरबारी</ref>, फिरे है इतराता
वर्ना
वग
र्ना
शहर में "ग़ालिब" की आबरू<ref>प्रतिष्ठा</ref> क्या है
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द्विजेन्द्र द्विज
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