Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= मदन कश्‍यप |संग्रह= नीम रोशनी में / मदन कश्‍यप }} <po…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= मदन कश्‍यप
|संग्रह= नीम रोशनी में / मदन कश्‍यप
}}
<poem>
सूरज तो पूरब में उगता है
और पश्चिम में डूब जाता है
कितना मुश्किल है सूरज को
उत्तर से दक्षिण ले जाना

कुछ भी हो सकता है इसमें

अपहृत हो सकती है पत्नी
आहत हो सकता है भाई
कुछ भी हो सकता है इसमें

पर कितना आसान है उत्सव मनाना
रावण का पुतला जलाना!
778
edits