गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अजब जलवे दिखाए जा रहे हैं / अज़ीज़ आज़ाद
3 bytes removed
,
15:11, 6 जून 2010
सजे कमरे दिखाए जा रहे हैं
खुद अपने हाथ से
इज़्ज़्त
इज़्ज़त
गँवा कर
अब आँसू बहाए जा रहे हैं
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,056
edits