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Kavita Kosh से
मैं बोली के लादे मुझे तू खटाई
वो बाज़ार से लेके आया मिठाई
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना
रप्पापपा तुरूरूरू रू रू \-२
हुकूम अपका था जो मैने ना मांआमाना
खतावार हूँ मैं न आया निभाना
सज़ा जो भी दोगे वो मँज़ूर होगी