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10:02, 8 जून 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विष्णु नागर
|संग्रह=घर से बाहर घर / विष्णु नागर
}}
<poem>
लड़की मुंह मत धो बार-बार
ज्यादा गोरी हो गई तो तेरे पे लड़के मरेंगे पूरे शहर के
किस-किस को रिजैक्ट करेगी तू
और तूने खुद ही पसंद करना और रिजैक्ट करना शुरू कर दिया
तो तेरे डैडी-मम्मी बेचारे क्या करेंगे
इससे उन्हें जो सदमा लगेगा
उसकी जिम्मेदारी क्या तू लेगी?
इसलिए ए लड़की
मत धो
मत धो
मत धो
बार-बार
मुंह
मत धो
एक ही बार काफी है
मेरी बच्ची!