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05:33, 10 जून 2010 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सर्वत एम जमाल
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<poem>
होगी तेरी धूम बच्चा
पाँव सब के चूम बच्चा
लोग सब कुछ वार देंगे
बेतहाशा झूम बच्चा
दीन क्या है, धर्म क्या है?
हमको क्या मालूम बच्चा !
कौन जालिम है यहाँ पर
सब तो हैं मजलूम बच्चा
हम से दौलत चाहता है?
हम भी हैं महरूम बच्चा
थम गयी है अब हवा यूँ
जैसे इक मासूम बच्चा
तुझको कुर्सी की तलब है?
ले तिरंगा, घूम बच्चा</poem>
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