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07:18, 17 जुलाई 2006 लेखक: [[भवानीप्रसाद मिश्र]]
[[Category:भवानीप्रसाद मिश्र]]
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मुझे पंछी बनाना अब के<br>
या मछली<br>
या कली<br>
और बनाना ही हो आदमी<br>
तो किसी ऐसे ग्रह पर<br>
जहाँ यहाँ से बेहतर आदमी हो<br>
कमी और चाहे जिस तरह की हो<br>
पारस्परिकता की न हो।<br><br>