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चौपाल

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/* काव्य संग्रह के पन्ने */
आदरणीय अनिल जी, रचनाएँ जोड़ते समय आप स्वयं भी काव्य संग्रहों के पन्ने बना सकते हैं। उदाहरण के लिये यदि "जलज माथुर" (एक काल्पनिक कवि) के एक काव्य संग्रह "ज़िन्दगी" से आप कुछ कविताएँ कोश में जोड़ने जा रहे हैं -तो जलज माथुर की रचनाओं की सूची के पन्ने पर उन कविताओं के लिंक बनाने की बजाये काव्य संग्रह का एक लिंक बना दीजीये (यानी "ज़िन्दगी / जलज माथुर")। फिर आप इस संग्रह की जिन कविताओं को कोश में जोड़ना चाह रहे हैं -उनके लिंक "ज़िन्दगी / जलज माथुर" नामक पन्ने पर बनाये। काव्य संग्रह की टैम्पलेट KKPustak अगर आप लगा सकते हैं तो ठीक है वरना उसे मेरे लिये छोड़ दीजीये -उसे मैं संभाल लूँगा। आप कोश में बहुत ही सुन्दर और बहुमूल्य योगदान कर रहे हैं! सादर, ललित '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ११:५२, २३ मई २००७ (UTC)'''
::प्रिय ललित जी, काव्य संग्रह के नाम से पन्ने बनाने का विचार बहुत अच्छा है।इससे है। इससे शोधार्थियों को सुविधा रहेगी। कुछ पन्ने खुल भी गए हैं, आपकी तत्परता देख कर खुशी होती है।शुभकामनाओं सहित, हेमेन्द्र कुमार राय, 23 मई 2007
प्रिय ललित जी,सबसे पहले तो हिन्दी में जहां लोगिन कीजिए लिखा है वहां कीजिए गलत लिखा है । है। इसे कृपया ठीक कर दें । दें। 'कीजीये' को 'कीजिये' बना दें । दें। केदारनाथ एक शब्द है । है। इसे जोड़ दें । दें। 'कनुप्रिया' मिलते ही मैं आपको सूचितकरूंगा । करूंगा। मैं कविता-संग्रहों के नाम के आधार पर पन्ने बनाने का प्रयास करूंगा । करूंगा। परन्तु मुझे कम्प्यूटर के प्रयोग का बहुत अभ्यास नहीं है, अत: यदि मैं कोई काम ढंग से नहीं कर पाऊं, तो कृपया नाराज़ न हों और क्षमा कर दें ।दें। सादर, जनविजय ::आदरणीय हेमेन्द्र जी, कोश की प्रगति के लिये आप जैसे योगदानकर्ता ही बधाई के पात्र हैं। आपको काव्य संग्रहों के अलग पन्ने बनाने का विचार अच्छा लगा -इसकी मुझे प्रसन्नता है। सादर -ललित। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] २२:०३, २३ मई २००७ (UTC)''' आदरणीय अनिल जी, आप मेरे नाराज़ होने और आपके क्षमा माँगने जैसी बात करके मुझे अत्यधिक शर्मिन्दा कर रहे हैं। अगर आप यह वाक्य अपने संदेश से हटा देंगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। कविता कोश में योगदान करते हुए रोज़ाना लगभग सभी लोग कुछ न कुछ गलतियाँ करते हैं -मेरा कार्यों में से एक उन गलतियों को समय रहते सुधार देना है। यदि मैं ऐसी गलतियाँ ना सुधार पाऊँ -तो क्षमा तो मुझे माँगनी चाहिये। आप जैसे सुधिजनों के आशीर्वाद के बल से ही तो कविता कोश जैसे बडे कार्य सफल होते हैं। आप कृपया यह वाक्य हटा दें। आपके आशीर्वाद की आकांक्षा में -सादर -ललित। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] २२:०३, २३ मई २००७ (UTC)'''