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शून्य / रमेश कौशिक

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'''शून्य'''<br /><br /> पहले मैं सोचा करता था<br />नहीं शून्य का कुछ भी मतलब<br />लेकिन इसमें कितनी ताकत<br />ताक़तइसको जान गया हूँ मैं अब।<br /><br /> अगर एक के साथ शून्य हो<br />तो पूरे दस बन जाएँगे<br />दस के साथ लगाओगे यदि<br />तो पूरे सौ कहलाएँगे।<br /><br /> सौ के संग भी एक शून्य हो<br />तो हज़ार यह बन जाते हैं<br />एक शून्य यदि और यहाँ हो<br />दस हज़ार फिर कह्लाते कहलाते हैं।<br /><br /> कुछ भी नहीं समझते जिनको<br />साथ बिठा उनको देखोगे<br />तो दस गुनी शक्ति अपने में<br />निश्चय बढी बढ़ी हुई पाओगे।
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