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उत्तर दो / रमेश कौशिक

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<poem>'''उत्तर दो'''<br /><br />यदि तीसरा विश्व-युद्ध हुआ<br />तो आदमी बच जायेगा<br />अब मैं आश्वस्त हूँ<br />क्योंकि मरने से पहले आदमी<br />अपनी पौध<br />परखनली में उगाकर<br />मंगल और चांद पर भेज जाएगा।<br /><br />लेकिन आदमियत पैदा होगी <br />कौनसी परखनली के भीतर<br />इसका कुछ उत्तर दो<br />ऐ मेरे ईश्वर!</poem>
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