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::मत पूछो तुम इनका हाल
::सर्वोदय के नटवरलाल
 
लम्बी उमर मिली है, ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के !
दिल की कली खिली है, ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के !
बूढ़े हैं फिर भी जवान हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के !
परम चतुर हैं, अति सुजान हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के !
सौवीं बरसी मना रहे हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के !
बापू को हीबना रहे हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के !
 
::बच्चे होंगे मालामाल
::ख़ूब गलेगी उनकी दाल
::औरों की टपकेगी राल
::इनकी मगर तनेगी पाल
::मत पूछो तुम इनका हाल
::सर्वोदय के नटवरलाल
 
सेठों का हित साध रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
युग पर प्रवचन लाद रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
सत्य अहिंसा फाँक रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
पूँछों से छबि आँक रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
दल से ऊपर, दल के नीचे तीनों बन्दर बापू के !
मुस्काते हैं आँखें मीचे तीनों बन्दर बापू के !
 
::छील रहे गीता की खाल
::उपनिषदें हैं इनकी ढाल
::उधर सजे मोती के थाल
::इधर जमे सतजुगी दलाल
::मत पूछो तुम इनका हाल
::सर्वोदय के नटवरलाल
 
मूंड रहे दुनिया-जहान को तीनों बन्दर बापू के !
चिढ़ा रहे हैं आसमान को तीनों बन्दर बापू के !
करें रात-दिन टूर हवाई तीनों बन्दर बापू के !
बदल-बदल कर चखें मलाई तीनों बन्दर बापू के !
गाँधी-छाप झूल डाले हैं तीनों बन्दर बापू के !
असली हैं, सर्कस वाले हैं तीनों बन्दर बापू के !
 
::दिल चटकीला, उजले बाल
::नाप चुके हैं गगन विशाल
::फूल गए हैं कैसे गाल
::मत पूछो तुम इनका हाल
::सर्वोदय के नटवरलाल
 
हमें अँगूठा दिखा रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
कैसी हिकमत सिखा रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
प्रेम-पगे हैं, शहद-सने हैं तीनों बन्दर बापू के !
गुरुओं के भी गुरु बने हैं तीनों बन्दर बापू के !
सौवीं बरसी मना रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
बापू को ही बना रहे हैं तीनों बन्दर बापू के !
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