भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चौपाल

2,445 bytes added, 14:24, 20 जनवरी 2008
/* टाइपिंग की एक दिक्कत */
::Jitane jyda : lagayege utane jyda space aa jayege to aap :, ::, ::: ... is tarah laga sakate hai, [[सदस्य:64.129.18.74|64.129.18.74]] १३:४७, ९ जनवरी २००८ (UTC) Pratishtha
 
अब इन कोलनों से भी काम नहीं चल रहा। मैंने कितनी नावों में कितनी बार में 'अंधकार में जागने वाले'
को टाइप करना चाहा। इसकी कुछ लाइनें इस तरह हैं कि जैसे पहली लाइन जहाँ खत्म होती है, दूसरी लाइन
स्पेस छोड़कर इस तरह खत्म होती है कि दोनों लाइनों के अंत लम्बवत हो। कोलनों से कभी कम तो कभी
ज़्यादा स्पेस आ जाते हैं। editing help का लिंक दबाया तो, कोरा पन्ना मिला। wikia.com पर
editing help पर गया तो उस पर सिर्फ इतना पता चला कि इसे indentation कहते हैं, बाकी
वही कोलनों की जानकारी दी गई थी। ignore wiki formatting के बटन से सारे तजुर्बे कर लिए
पर काम नहीं बना। क्या ऐसे left alignment में ही टाइप कर दूँ? उपर श्रीकांत वर्मा का ज़िक्र किया
था, उनकी कविता 'दिनचर्या' जैसी कोश पर है, वैसी छपाई में बिल्कुल नहीं, 'मायदर्पण' किताब
में उन्होंने छोटी-छोटी लाइने, और तिरछे पैरेग्राफ इस्तेमाल किए हैं, जिससे की उनकी कविता पढ़ते हुए एक
रफ्तार महसूस होती है, अज्ञेय की कविता पर तो इसका कोई फर्क नहीं पढ़ेगा, लेकिन श्रीकांत वर्मा की
कविता में कोई चीज़ कम हो जाएगी। क्या हल निकाला जाए?
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] १४:२४, २० जनवरी २००८ (UTC)
==नया मुखपृष्ठ==
Anonymous user