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किताबे-शौक में क्या क्या निशानियाँ रख दीं / अंजना संधीर
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12:08, 2 जुलाई 2010
<Poem>
किताबे-शौक़
में क्या-क्या निशानियाँ रख दीं
कहीं पे फूल, कहीं हमने तितलियाँ रख दीं।
द्विजेन्द्र द्विज
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