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पीपल की छाँव / जगदीश व्योम

100 bytes removed, 15:13, 6 जुलाई 2010
|रचनाकार=जगदीश व्योम
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<poem>
पीपल की छांव निर्वासित हुई है
अब मत हो तू बटोही उदास
</poem>
 
यूट्यूब पर वीडियो लिंक-
 
http://www.youtube.com/watch?v=xDRFF0Q_XZ8&feature=related