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* [[किस से रूठें किस से बोलें / राजेश चड्ढा]]
* [[मेरे सामर्थ्य को चुनौती मत दो / राजेश चड्ढा]]
* [[ शर्त पर आपने हाथों में मेरे हाथ दिया / राजेश चड्ढा]]
* [[ / राजेश चड्ढा]]
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* [[ / राजेश चड्ढा]]
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|रचनाकार=राजेश चड्ढा
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<poem>
मेरे सामर्थ्य को चुनौती मत दो,
दर्द में बेशक कटौती मत दो ।
बंधक है मेरे पास ख़ुदगर्ज़ी आपकी,
मुझे सहानुभूति की फ़िरौती मत दो ।
रोशनी उधार की घर चाट जाएगी,
अपने नाम की रंगीन ज्योति मत दो ।
छीन कर खाने की तुम्हें आदत है,
मेरे मासूम से बच्चे को रोटी मत दो ।
</poem>