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सफल कोशिश में / चंद्र रेखा ढडवाल
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02:05, 17 जुलाई 2010
सिरजती है नर्क
देखती है नर्क
भोगती है नर्क
और
सिरजे हुए को
/
देखे हुए
भोगे हुए को
नकारने की
सफल कोशिश
में
पर
हँसती है
विफलता पर कुढ़ती है औरत
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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