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आरण्यक / परमानंद श्रीवास्तव

No change in size, 07:04, 26 जुलाई 2010
एक दिन हम खो जाएँगे
छोप छिप जाएंगे दुनिया से
रहने लगेंगे
अदृश्य कोटर में