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Kavita Kosh से
तैरकर धारा को पार किया।
नदी ने कहाँ कहा था : मुझे बाँधो
मनुष्य सुना और
नाव से पार किया।
नदी ने कहॉं कहा था : मुझे बाँधो
मनुष्य ने सुना और
आखिर उसे बाँधो बाँध लिया
मनुष्य दुह रहा है
अब वह कामधेनु है।
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