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ओसकण और जीवन / अशोक लव

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{{KKRachna
|रचनाकार=अशोक लव
|संग्रह =लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान/ अशोक लव}}{{KKCatKavita‎}}
<poem>
मृदुल पंखुड़ियों पर
सोये सोए ओसकण
भोर की शीतल हवा के गीत सुन
झूमने लगे
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