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उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन

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रचनाकारः [[{{KKRachna|रचनाकार=त्रिलोचन ]][[Category:कविताएँ]][[Category:त्रिलोचन ]]}}
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~{{KKPustak|चित्र=--|नाम=उस जनपद का कवि हूँ जो भूखा दूखा है,<br>नंगा है, अनजान है, कला|रचनाकार=[[त्रिलोचन]]|प्रकाशक=--नहीं जानता<br>कैसी होती है क्या है, वह नहीं मानता<br>|वर्ष= --|भाषा=हिन्दी|विषय=कविता कुछ भी दे सकती है। कब सूखा है<br>उसके जीवन का सोता, इतिहास ही बता <br>|शैली=--सकता है। वह उदासीन बिलकुल अपने से,<br>|पृष्ठ=--अपने समाज से है; दुनिया को सपने से<br>|ISBN=-- अलग नहीं मानता, उसे कुछ भी नहीं पता<br>|विविध=--दुनिया कहाँ से कहाँ पहुँची; अब समाज में<br>}}वे विचार रह गये नही हैं जिन को ढोता<br>चला जा रहा है वह, अपने आँसू बोता<br>विफल मनोरथ होने पर अथवा अकाज में।<br>धरम कमाता है वह तुलसीकृत रामायण<br>सुन पढ़ कर, जपता है नारायण नारायण।<br>* [[उस जनपद का कवि हूँ. / त्रिलोचन]]