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तेरा प्रकोप सारे जग का महाप्रलय हो
तेरी प्रसन्नता ही आनंद आनन्द का विषय हो 
वह भक्ति दे कि 'बिस्मिल' सुख में तुझे न भूले
वह शक्ति दे कि दुख दुःख में कायर न यह हृदय हो
</poem>
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