भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मान…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
स्कूल जहाँ पिंजरा बन जाये
और किताबें केवल बोझ
कमर टूट जाये बच्चों की
ऐसी शिक्षा है एक रोग
रटो, रटो और रटते रहो बस
और अक्ल से काम ना लो
ऐसी पढ़ाई नहीं काम की
जितनी भी चाहे पढ़ लो
आओ भारत देश के वीरो
बचपन को लें आज बचाय
ऐसी शिक्षा को ले आएं
बच्चा फूल सा खिल-खिल जाय
2005
<poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
स्कूल जहाँ पिंजरा बन जाये
और किताबें केवल बोझ
कमर टूट जाये बच्चों की
ऐसी शिक्षा है एक रोग
रटो, रटो और रटते रहो बस
और अक्ल से काम ना लो
ऐसी पढ़ाई नहीं काम की
जितनी भी चाहे पढ़ लो
आओ भारत देश के वीरो
बचपन को लें आज बचाय
ऐसी शिक्षा को ले आएं
बच्चा फूल सा खिल-खिल जाय
2005
<poem>