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न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता,<br />
डुबोया मुझको होने ने न मैं होता तो क्या होता !<br />
 हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है,<br />वह वो हर एक इक बात पर कहना कि यों यूँ होता तो क्या होता !<br />
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