भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आमन्त्रण / रमेश कौशिक

786 bytes added, 14:12, 1 सितम्बर 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश कौशिक |संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक }} <poem> एक …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक
}}

<poem>
एक दिन क्षणों के आवेश में
तुमने मुझे आमन्त्रण दिया
किन्तु मेरे अहं ने
अपना समर्पण स्वीकार न किया

आज जब मेरा अहं
तिरोहित है
मैं समर्पण को
तत्पर हूँ
आतुर हूँ
किन्तु तुममें
अब वह
आवेश का क्षण कहाँ
जो मुझे
आमन्त्रण दे सके
अंगीकार कर सके
</poem>
171
edits