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सौंपू उपहार भला कैसे<br>
मैं यायावर बंजारा साधू<br>
सुर श्रंगार श्रृंगार भला कैसे<br>
मैन जीवन के प्रश्नों से नाता तोड तुम्हारे साथ शुभे<br>
बारूद बिछी धरती पर कर लूँ<br>
दो पल प्यार भला कैसे<br>
इसलिये विवष विवश हर आँसू को सत्कार नहीं दे पाऊँगा|<br>
तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा||<br>
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