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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मान…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
अच्छे लोग
दिख सकते हैं कहीं भी
अगर आपके पास हो पारख़ी नज़र
और साफ़-सुथरा दिल
अच्छे लोग
होते हैं बेहद साफ़
झरने के पानी की तरह
फूल की खुशबू की तरह
पहाड़ों से आती हवा की तरह
अच्छे लोग
इतने अच्छे होते हैं
कि बच्चे भी उन्हें पहचान सकते हैं
बेहद आसानी से
अच्छे लोग
इतने सीधे होते हैं
कि बहरूपिये उनसे चिढ़ते हैं
कि वो कर नहीं पाते
उनके सीधेपन की नक़ल
अच्छे लोग
ज़रा ज़्यादा ही ईमानदार होते हैं
इसलिए आलोचनात्मक होते हैं आमतौर पर
और थोड़े डरपोक भी
अच्छे लोगों की
सबसे बड़ी गड़बड़ी
यही होती है
कि जहाँ उन्हें साबित होना चाहिए समझदार
वहाँ वे साबित होते हैं बेहद अनाड़ी
अच्छे लोगों की
सबसे बड़ी खूबी यही होती है
कि वे अच्छे होते हैं
और अच्छे बने रहना चाहते हैं
हर हाल में
अच्छे लोग
इतने अच्छे होते हैं
कि एक अदना सा कवि भी
लिख सकता है उन पर
एक सबसे अच्छी कविता
2004
<poem>
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|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
अच्छे लोग
दिख सकते हैं कहीं भी
अगर आपके पास हो पारख़ी नज़र
और साफ़-सुथरा दिल
अच्छे लोग
होते हैं बेहद साफ़
झरने के पानी की तरह
फूल की खुशबू की तरह
पहाड़ों से आती हवा की तरह
अच्छे लोग
इतने अच्छे होते हैं
कि बच्चे भी उन्हें पहचान सकते हैं
बेहद आसानी से
अच्छे लोग
इतने सीधे होते हैं
कि बहरूपिये उनसे चिढ़ते हैं
कि वो कर नहीं पाते
उनके सीधेपन की नक़ल
अच्छे लोग
ज़रा ज़्यादा ही ईमानदार होते हैं
इसलिए आलोचनात्मक होते हैं आमतौर पर
और थोड़े डरपोक भी
अच्छे लोगों की
सबसे बड़ी गड़बड़ी
यही होती है
कि जहाँ उन्हें साबित होना चाहिए समझदार
वहाँ वे साबित होते हैं बेहद अनाड़ी
अच्छे लोगों की
सबसे बड़ी खूबी यही होती है
कि वे अच्छे होते हैं
और अच्छे बने रहना चाहते हैं
हर हाल में
अच्छे लोग
इतने अच्छे होते हैं
कि एक अदना सा कवि भी
लिख सकता है उन पर
एक सबसे अच्छी कविता
2004
<poem>