भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कहां है अंत / गोबिन्द प्रसाद

699 bytes added, 07:08, 10 सितम्बर 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद |संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द प्रसाद
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>

न कोई
आदि है न कोई अन्त
न कोई
घरबारी है न कोई सन्त
न कोई
सिरा है कहने का न कोई तन्त


जीवन के पार भी जीवन हैं, जीवन हैं
जाना ही आना है,जीवन है अनन्त
कहाँ है आदि,कहाँ है अन्त
कहाँ है अन्त
<poem>
681
edits