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अँधेरे की पुरानी चिट्ठियाँ / ज्ञान प्रकाश विवेक
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05:54, 13 सितम्बर 2010
मालियों ने नोंच दीं उस फूल की सब पत्तियाँ
मैं अंगूठी भेंट में जिस
शख्स
शख़्स
को देने गया
उसके हाथों की सभी टूटी हुई थी उँगलियाँ
</poem>
अनिल जनविजय
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