जिगर का ख़ून दे दे के ये बूटे मैने पाले हैं
रुलाती है मुझे रातों को ख़ामोशी सितारों की की
निराला इश्क़ है मेरा निराले मेरे नाले हैं
नहीं बेग़ानगी<ref> दूरी</ref> अच्छी रफ़ीक़े-राहे-मंज़िल<ref>सहयात्री </ref> से
ठहर जा ऐ शरर<ref> चिंगारी</ref> हम भे भी तो आख़िर मिटने वाले हैं
उमीदे-हूर ने सब कुछ सिखा रक्खा है वाइज़ को
मेरे अश्आर ऐ इक़बाल क्यों प्यारे न हों मुझको
मेरे टूटे हुए दिल के ये दर्द -अंगेज़ नाले हैं
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