Changes

आसमान के साए साए/ सर्वत एम जमाल

135 bytes removed, 05:13, 23 सितम्बर 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna}} |रचनाकार=सर्वत एम जमाल संग्रह= }} {{KKCatGazalKKCatGhazal}} <poem>
आसमान के साए साए
धूप ने क्या क्या रंग दिखाए
मैं सर्वत जग रोशन कर दूं
कोई तो मेरा हाथ बंटाए</poem>
_______________________________