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गांव / मनोज श्रीवास्तव

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उसकी तेज का उनीदापन है
गाम्व गांव सुदूर मंदिर में बजते
घण्टे-घड़ियाल की निनाद है
मस्जिद की अजान-लहरियाँ है
घटाटोप आसमान से चिड़ियों का
विहंगावलोकन है
ताल-तलैयों में दुबकी डुबकी लगाते
हंसों की कलरव किलकारियाँ है
लुप्तप्राय पनघटों पर