भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[गुज़रे हुए तवील ज़माने के बाद भी / फ़राज़]]
* [[जो रंजिशें थी जो दिल में गुबार था ना गया / फ़राज़]]
* [[ज़िन्दगी यूँ थी कि जीने का बहाना तू था / फ़राज़]]
</sort>