भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |संग्रह=}}[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatKavita}}<poemPoem>आं ईंटां रै
ठीक बिचाळै
पड़ी आ