भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKRachna
|रचनाकार=जानकीवल्लभ शास्त्री
}}{{KKCatGeet}}
<poem>
 
सांध्यतारा क्यों निहारा जायेगा ।
और मुझसे मन न मारा जायेगा ॥
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,142
edits