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Kavita Kosh से
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'''चढ़कर मेरे जीवन की जागृतिरथ पर, देखो फिर भूल न जानाप्रलय चल रहा अपने पथ पर'''<br>'''जब मैंने निज दुर्बल पद बल पर उससे हारी होड़ लगाई'वे' सपना बन आवें, तुम चिरनिद्रा बन जाना!'<br>'''आह वेदना मिली विदाई...'''<br>
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कविता कोश में [[महादेवी वर्माजयशंकर प्रसाद]]
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