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पत्ताकमंडल या लौकी या बीजकोष-पत्ता बूटा-बूटा हाल हमारा जाने जो भी बने जीवन, जीवन तो जीवन है!<br>जाने ना जाने गुल हरियाली ही ना जानेबीज का सपना, बाग तो सारा जाने रस ही रसायन है!<br>
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कविता कोश में [[मीर तक़ी 'मीर']]
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