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कमंडल या लौकी या बीजकोष-दुख में सुमरिन सब करे, सुख मे करे न कोय । <br>जो भी बने जीवनसुख मे सुमरिन करे, जीवन तो जीवन है !दुख कहे को होय ॥<br>हरियाली ही बीज का सपना,रस ही रसायन है !
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कविता कोश में [[अनामिकाकबीर]]
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