भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मनोज भावुक }} [[Category:ग़ज़ल]] <poem> फूल हम आस के आँखिन मे…

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मनोज भावुक
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>

फूल हम आस के आँखिन में उगावत बानी
लोर से सींच के सपनन के जियावत बानी

प्रीत के रीत गजब रउआ निभावत बानी
घात मन में बा, मगर हाथ मिलावत बानी

रूप आ रंग के हम छंद में बान्हत-बान्हत
साँस पर साध के अब गीत कढ़ावत बानी

आजले दे ना सकल पेट के रोटी कविता
तबहूँ हम गीत-गजल रोज बनावत बानी

पेट में आग त सुनुगल बा रहत ए 'भावुक'
खुद के लवना के तरे रोज जरावत बानी

<poem>