भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKCatKavita}}
<poem>
उसकी दुनिया
बिल्कुल अलग है
उसकी दुनिया में सपने हैं यार के
दिन-रात उसके पास रहे, ऎसे ऐसे दिलदार के
बिल्कुल अलग है उसकी दुनिया
मेरी दुनिया से
उसकी दुनिया में अभी भूख नहीं है
खर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ
चर्चे दुनिया भर के नहीं हैं वहाँ
उसकी दुनिया
मेरी दुनिया से
</poem>