Changes

तीस साल के बाद... / नागार्जुन

144 bytes removed, 06:37, 18 नवम्बर 2010
कोटि-कोटि मतपत्र बन गए जादू वाले बाण
मूर्छित भारत-मां माँ के तन में वापस आए प्राण
प्रभुता की पीनक में नेहरू पुत्री थी बदहोश
किया सभी ने उस शासन को अन्तिम बार सलाम
(१९७७ में रचित,'खिचड़ी विप्लव देखा हमने' नामक कविता-संग्रह से)
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,679
edits